बहुतों से बैर ना करो! नाग और चींटियों की पंचतंत्र कहानी
बहवो न विरोद्धव्या दुर्जया हि महाजनः बहुतों के साथ विरोध न करें! एक वल्मीक में बहुत बड़ा काला नाग रहता था। अभिमानी होने के कारण उसका नाम था अतिदर्प। एक दिन वह अपने बिल को छोड़कर एक और संकीर्ण बिल से बाहर जाने का यत्न करने लगा। इससे उसका शरीर कई स्थानों से छिल गया। … Read more