सुंदरता की मुरत हूं मैं – Poems in Hindi on Woman By Bhoomi Bhardwaj

सुंदरता की मुरत हूं मैं ममता की सुरत हूं मैं हर बच्चा मेरी कोक से ही जन्मा है फिर क्यों औरत को ही अबला समझा है दुनिया का अविष्कार है मैंने किया नहीं कोई अपराध है किया फिर मुझे ही क्यों धिक्कारा जाता है नहीं मुझे सवारा जाता है मैं मानव हूं कोई दानव नहीं … Read more

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