एक और एक ग्यारह – चिड़िया और हाथी की पंचतंत्र कहानी!

बहूनामप्‍यसराणां समवायो हि दुर्जय: छोटे और निर्बल भी संख्‍या में बहुत होकर दुर्जेय हो जाते हैं। जंगल में वृक्ष की एक शाखा पर चिड़ा-चिड़ी का जोड़ा रहता था। उनके अण्‍डे भी उसी शाखा पर बने घोंसले में थे। एक दिन मतवाला हाथी वृक्ष की छाया में विश्राम करने आया। वहाँ उसने अपनी सूंड़ में पकड़कर … Read more

दूरदर्शी बनो! – तीन मछलियों की पंचतंत्र की प्रेरक कहानी!

यद् भविष्‍यो विनश्‍यति ‘जो होगा देखा जाएगा’ कहने वाले नष्‍ट हो जाते है। एक तालाब में तीन मछलियॉं थी। अनागतविधाता, प्रत्‍युत्‍पन्‍नमति और यद्भविष्‍य। एक दिन मछियारों ने उन्‍हें देख लिया और सोचा,इस तालाब में खूब मछलियॉं हैं। आज तक कभी इसमें जाल भी नहीं डाला है, इसलिए यहाँ खूब मछलियॉं हाथ लगेंगी। उस दिन शाम … Read more

हितैषी की सीख मानो! – मूर्ख कछुए की कहानी Panchatantra Story in Hindi

सुहृदां हितकामानां न करोतीह यो वच:। सकूम इव दुर्बद्धि: काष्‍ठाद् भ्रष्‍टो विनश्‍यति। हितचिन्‍तक मित्रों की बात पर जो ध्‍यान नहीं देता, वह मूर्ख नष्‍ट हो जाता है। एक तालाब में कम्‍बुग्रीव नाम का कछुआ रहता था। उसी तालाब में प्रति दिन आने वाले दो हंस, जिनका नाम संकट और विकट था, उसके मित्र थे। तीनों … Read more

घड़े-पत्‍थर का न्‍याय! टिटिहरी और समुद्र की पंचतंत्र कहानी

बलवन्तं रिपु दृष्‍ट्वा न वाSSमान प्रकोपयेत् शत्रु अधिक बलशाली हो तो क्रोध प्रकट न करे, शान्‍त हो जाए। समुद्र तट के एक भाग में एक टिटिहरी का जोड़ा रहता था। अण्‍डे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित प्रदेश की खोज करने के लिए कहा। टिटिहरे ने कहा- यहॉं स्‍थान पर्याप्‍त सुरक्षित … Read more

फूँक-फुँककर पग धरो! ऊँट और शेर की कहानी Panchatantra Story in Hindi

सेवसधर्म: परमगहनो… सेवाधर्म बड़ा कठिन धर्म है। एक जंगल में मदोत्‍कट नाम का शेर रहता था। उसके नौकर-चाकरों में कौवा, गीदड़, बाघ, चीता आदि अनेक पशु थे। एक दिन वन में घूमते-घूमते एक ऊंट वहॉं आ गया। शेर ने ऊँट को देखकर अपने नौकरों से पूछा- यह कौन-सा पशु है? जंगली है या ग्राम्‍य? कौवे … Read more

रंगा सियार – गीदड़ और शेर की पंचतंत्र प्रेरक कहानियां!

त्यक्‍ताश्चाऽयान्‍तरा येन बाह्यश्चाम्यतरीकृताः। स एव मृत्युमाप्नोति मूर्खश्चण्डरवीयथा ।। अपने स्वभाव के विरुद्ध आचरण करने वाला… आत्मीयों को छोड़कर परकीयों में रहने वाला नष्ट हो जाता है। एक दिन जंगल में रहने वाला चण्डरव नाम का गीदड़ भूख से तड़पता हुआ लोभवश नगर में भूख मिटाने के लिए आ पहुंचा। उसके नगर में प्रवेश करते ही … Read more

कुसंग का फल – जूँ और खटमल की कहानी! Panchatantra Story in Hindi

  न ह्यविज्ञातशीलस्य प्रदातव्यः प्रतिश्रयः अज्ञात या विरोधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को आश्रय नहीं देना चाहिए। एक राजा के शयनगृह में शय्या पर बिछी सफेद चादरों के बीच एक मन्‍दविसर्पिणी सफेद जूँ रहती थी। एक दिन इधर-उधर घूमता हुआ एक खटमल वहाँ आ गया। उस खटमल का नाम था अग्निमुख। अग्निमुख को देखकर दु:खी जूँ … Read more

सबसे बड़ा बल: बुद्धिबल – शेर व खरगोश की पंचतंत्र कहानी!

यस्य बुद्धिर्बलं तस्य निर्बुद्धेस्तु कुतो बलम्। बली वही है, जिसके पास बुद्धि-बल है। एक जंगल में भासुरक नाम का शेर रहता था। बहुत बलशाली होने के कारण वह प्रतिदिन जंगल के मृग, खरगोश-हिरण-रीछ-चीता आदि पशुओं को मारा करता था। एक दिन जंगल के सभी जानवरों ने मिलकर सभा की और निश्‍चय किया कि भासुरक शेर … Read more

बगुला भगत – बगुला और केकड़े की पंचतंत्र कहानी!

उपायेन जयो यादृग्रिपोस्‍तादृड् न हेतिभि: उपाय से शत्रु को जीतो, हथियार से नहीं। एक जंगल में बहुत सी मछलियों से भरा एक तालाब था। एक बगुला वहाँ दिन-प्रतिदिन मछलियों को खाने के लिए आता था, किंतु वृद्ध होने के कारण मछलियों को पकड़ नहीं पाता था। इस तरह भूख से व्याकुल हुआ वह एक दिन … Read more

अक्‍ल बड़ी या भैंस! Panchtantra Short Stories With Moral in Hindi

उपायेन हि यच्‍छक्‍यं न तच्‍छक्‍यं पराक्रमै: उपाय द्वारा जो काम हो जाता है वह पराक्रम से नहीं हो पाता एक स्‍थान पर वटवृक्ष की एक बड़ी खोल में एक कौवा-कौवी रहते थे। उसी खोल के पास एक काला सॉंप भी रहता था। वह सॉंप कौवी के नन्‍हे-नन्‍हे बच्‍चों को उनके पंख निकलने से पहले ही … Read more

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