घड़े-पत्थर का न्याय! टिटिहरी और समुद्र की पंचतंत्र कहानी
बलवन्तं रिपु दृष्ट्वा न वाSSमान प्रकोपयेत् शत्रु अधिक बलशाली हो तो क्रोध प्रकट न करे, शान्त हो जाए। समुद्र तट के एक भाग में एक टिटिहरी का जोड़ा रहता था। अण्डे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित प्रदेश की खोज करने के लिए कहा। टिटिहरे ने कहा- यहॉं स्थान पर्याप्त सुरक्षित … Read more