महाराज कृष्णदेव राय अपने प्रिय सभासद तेनाली राम के साथ प्रायः विजयनगर के भ्रमण के लिए निकल जाते थे। प्रजा का दुख-दर्द जानने का उन्हें अपना यह तरीका बहुत पसन्द था। इस तरह के भ्रमण से जहाँ वे अपने राज्य की समस्त सूचनाओं से भिज्ञ रहते थे, वहीं अपने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों […]
महत्त्वाकांक्षी युवा तपस्वी! Tenali Rama Ki Kahani in Hindi
विजयनगर में प्रत्येक वर्ष कोई-न-कोई उत्सव-समारोह आदि हुआ करता था। महाराज कृष्णदेव राय उत्सव-प्रेमी ही नहीं, अध्यात्म-प्रेमी भी थे। उनका मानना था कि आध्यात्मिक होने का अर्थ यह नहीं है कि आप धार्मिक कर्मकांडों में उलझ जाएँ। ये कर्मकांड तो मनुष्य को विचारों की संकीर्णता की ओर ले जाते हैं। यह करो, ऐसे करो बताने […]
स्वर्ण मूषक पुरस्कार! Tenali Rama Short Story in Hindi
महाराज कृष्णदेव राय अपने दरबार के सभी सभासदों को विशेष महत्त्व देते थे किन्तु फिर भी सभासदों को प्रायः ऐसा लगा करता था कि महाराज तेनाली राम पर अधिक कृपालु हैं और उसे ऐसा मौका दे दिया करते हैं कि वह शेष सभी सभासदों पर भारी पड़ता है। इसलिए आम सभासद ऐसे अवसरों की तलाश […]
ईमानदारी! Tenali Rama Ki Kahani in Hindi
महाराज कृष्णदेव राय कभी-कभी अपने दरबार में इतने सहज हो जाते थे कि उन्हें देखकर कोई कह नहीं सकता था कि वे एक कुशल प्रशासक, कुशल राजनीतिज्ञ और अनुशासनप्रिय शासक हैं। जिस दिन महाराज में सहजता दिखती, उस दिन आम सभासद भी मस्ती मंळे आ जाते। सभा भवन में हँसी, ठिठोली, बहस, बतरस सब कुछ […]
क्या करें? लोक कथा Motivational Prernadayak Kahani in Hindi
प्राचीन समय में संजय नाम का एक उत्साही व्यक्ति था। उसे साधु-महात्माओं की संगति बहुत प्रिय थी। इसके लिए वह बड़े-बड़े तीर्थों और मठों में घूमता रहता था। एक बार उसे किसी सिद्ध योगी के पास रहने का अवसर मिला। संजय ने उन्हें अपनी सेवा से कुछ ही दिनों में बहुत प्रसन्न कर लिया। एक […]
अधिकार की रक्षा! प्रेरणादायक लोक कहानी कथा Folk Tales in Hindi
कुंजरमल्ल नाम का एक साधारण किसान था। वह रूपयों-पैसों का तो नहीं, लेकिन बल, उत्साह का धनी था। भीख मांगकर पेट भरने की अपेक्षा, भूखा रहना या परिश्रम से रूखा-सूखा कमाकर खाना उसको स्वभाव से ही प्रिय था। उसके पास ज़मीन का केवल एक टुकड़ा था जो उसके घर से कुछ दूर पहाड़ी के पास […]
छोटा साथी भी काम देता है। प्रेरणादायक लघु कथा!
बहुत दिन हुए, किसी गांव में सीताराम नाम का एक सीधा-सादा आदमी रहता था। उसे पक्षियों से बड़ा प्रेम था। काम-धाम से छुट्टी पाने पर वह पालतू चिडि़यों के साथ मनोविनोद में समय बिताता था। उसका घर एक छोटा-मोटा चिडि़याघर ही था। एक दिन सीताराम के दो साथियों ने किसी दूर के मेले में जाने […]
धूर्त की प्रीति! एक कंजूस सेठ की मजेदार लोक कथा
एक नामी कंजूस था। लोग कहते थे कि वह स्वप्न में भी किसी को प्रीति-भोज का निमंत्रण नहीं देता था। इस बदनामी को दूर करने के लिए एक दिन उसने बड़ा साहस करके एक सीधे-सादे सज्जन को अपने यहां खाने का न्योता दिया। सज्जन ने आनाकानी की। तब कंजूस ने कहा- आप यह न समझे […]
भय से अनर्थ होता है! मजेदार प्रेरणादायक लोक कथा
प्राचीन काल में राजा ब्रह्मदत्त ने एक बहुत बड़ा बाग लगाया था। उसके बीच में राजा और रानियों के नहाने के लिए एक सुंदर सरोवर था। बाग की रक्षा का उत्तम प्रबंध किया गया था। कोई बाहरी आदमी उसके भीतर नहीं जा सकता था, लेकिन बंदर कूदते-फांदते पहुंच ही जाते थे। बाग के पेड़ों पर […]
काम से बड़प्पन मिलता है! प्रेरणादायक लोक कथा
प्राचीन काल की बात है। तक्षशिला के महाविद्यालय में पापक नाम का एक विद्यार्थी पढ़ता था। उसका साथी लोग जब उसे पापक कहकर पुकारते, तो वह अपने अशुभ नाम पर बहुत लज्जित होता था। एक दिन उसने सोचा कि इस बुरे नाम के स्थान पर अपना कोई अच्छा नाम रख लेने से मेरा गौरव बढ़ […]