सप्तद्वीप नवखंड के साथ विजयनगर का युद्ध! Tenali Rama Stories in Hindi

विजयनगर-महाराज कृष्णदेव राय का साम्राज्य। धन-धान्य से परिपूर्ण इस राज्य की समृद्धि की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी। विजयनगर के वैभव ने पड़ोसी राजाओं को चकित कर रखा था। सभी जानना चाहते थे कि विजयनगर की समृद्धि और वैभव का रहस्य क्या है। विजयनगर के पास ही ‘सप्तद्वीप नवखंड’ नाम का एक वैभवशाली राज्य था। … Read more

मैत्री सन्देश! Tenali Rama Aur Babar Ki Kahani in Hindi

एक दिन महाराज कृष्णदेव राय अपने दरबार में बैठे-बैठे ज्ञान-मीमांसा के लिए यह चर्चा छेड़ बैठे कि मनुष्य का सबसे बड़ा सौभाग्य और सबसे बड़ा दुर्भाग्य क्या है। महाराज कृष्णदेव राय को उनके दरबारी बहुत दिनों के बाद अपनी स्वाभाविक मुद्रा में देख रहे थे। पड़ोसी राज्य ‘सप्तद्वीप नवखंड’ के साथ युद्ध होने के बाद … Read more

वैभव की वास्तविकता! Tenali Rama Moral Story in Hindi

सप्तद्वीप न्वखंड राज्य के राजा विचित्र भानु की युद्ध-पिपासा शान्त हो चुकी थी। विजयनगर के साथ युद्ध में उसे पराजय का मुँह देखना पड़ा था। उसकी क्षमा-याचना को विजयनगर के राजा महाराज कृष्णदेव राय ने जिस सहृदयता से लिया था उसे देखकर विचित्र भानु विस्मित रह गया था। महाराज कृष्णदेव राय की उदारता से उसे … Read more

मृदुभाषिता! Tenali Rama aur Krishnadevaraya Moral Story in Hindi

महाराज कृष्णदेव राय वृद्ध हो चले थे। उनका वंश उन दिनों बहुत प्रतापी समझा जाता था। स्वयं कृष्णदेव राय की कीर्ति दूर-दूर तक फैली हुई थी। विजयनगर की प्रजा अपने महाराज के प्रति अगाध श्रद्धा रखती थी। महाराज कृष्णदेव राय ने भी जीवनपर्यन्त अपनी प्रजा की भलाई के लिए कार्य किया था। जगह-जगह प्याऊ बनवाए, … Read more

फलियों की शिक्षा! Tenali Rama Aur Krishnadevaraya Story in Hindi

एक बार विजयनगर के सम्राट महाराज कृष्णदेव राय की इच्छा हुई कि वे अपने राज्य का भ्रमण करें और अपनी प्रजा के दुख-सुख को स्वयं अपनी आँखों से देखें ताकि उन्हें अपने राज्य के विकास की योजना बनाते समय उन जरूरी बातों का ध्यान रह सके जिनका अभाव अभी उनकी प्रजा अनुभव कर रही है। … Read more

निन्यानबे का चक्कर! Tenali Rama Moral Stories in Hindi

एक दिन महाराज कृष्णदेव राय अपने दरबार में बैठे लोगां की फरियाद सुन रहे थे। उनके पास उस दिन एक विचित्र समस्या लेकर एक फरियादी आया। फरियादी ने अपनी समस्या महाराज के सामने इस प्रकार रखी, “महाराज! मैं एक गरीब आदमी हूँ। मेरे पास एक मकान है जिसमें दो कमरे हैं। एक कमरे मैं मैं … Read more

मित्र की पहचान! Tenali Rama aur Krishnadevaraya Story in Hindi

महाराज कृष्णदेव राय आमोद प्रिय व्यक्ति थे। उल्लास के सामान्य अवसरों पर भी महाराज उत्सव मनाते थे। उनके इस स्वभाव के कारण विजयनगरवासी प्रसन्न रहा करते थे। कहा भी गया है – जैसा राजा, वैसी प्रजा। एक बार, नव वर्ष के शुभागमन पर महाराज कृष्णदेव राय ने अपने मित्रों को बुलावा भेजा। महाराज की इच्छा … Read more

स्वर्ण-पिंडों की पहेली Tenali Ramakrishna Story in Hindi

“पृथ्वी का कण-कण हर क्षण एक नई रचना करने में निमग्न है। वायु सतत सन-सन-सन कर सृष्टि में मस्ती का संचार करती रहती है। सूर्य उदित होकर संसार को उजास से भरता है और गतिशील होने के लिए ऊष्मा प्रदान करता है। नदियाँ कल-कल, छल-छल के निनाद के साथ बहती हुई जिधर से निकलती हैं … Read more

व्यक्ति, परिवेश और परिधान! Tenali Ram Moral Story in Hindi

विजयनगर के महाराज कृष्णदेव राय सिंहासन पर विराजमान थे। सभा में तर्क-वितर्क चल रहा था। सभासद अपनी-अपनी बुद्धि और वाक्पटुता से यह प्रमाणित करने में लगे थे कि व्यक्ति महत्त्वपूर्ण है क्योंकि वह सृष्टि की विशिष्ट रचना है। प्रकृति में एक से बढ़कर एक जन्तु हैं। कोई बहुत छोटा तो कोई बहुत विशाल। कोई अकेला … Read more

पाँच गधोंवाला सौदागर! Tenali Rama Aur Krishnadevaraya Ki Kahani

एक बार महाराज कृष्णदेव राय और तेनाली राम साथ-साथ पड़ोसी राज्य के एक शहर सौरभ नगर भ्रमण करने के लिए गए। दोनों सौदागर के वेश में थे। उन दिनों यह आम प्रचलन था कि राजा-महाराजा जीवन और जगत में हो रहे परिवर्तनों को जानने के लिए समय-समय पर ऐसे ही वेश बदलकर घूमने के लिए … Read more

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