जन्मदिन का उपहार Heart Touching Motivational Story in Hindi

Must Read  – A heart touching motivational story in hindi, janmdin ka uphar birthday gift for wife story in hindi, prernadayak kahani, prerak prasang मैं रानू हूँ और आज मेरा जन्मदिन है। मैं आज आपके सामने मेरे जीवन के सबसे यादरगार जन्मदिन के उपहार के बारे में बताने जा रही हूँ, मेरे पति आशीष ने … Read more

स्वर्ग की मुद्रा! – प्रेरणादायक हिंदी कहानी | Motivational Story in Hindi

Must Read This Very Motivational Story in Hindi on Life, Prernadayak Kahani in Hindi यह कथा एक पैसे वाले आदमी की है जो कि बेहद ही जिद्दी था। ये आदमी अपने बचपन से ही जिद्दी और प्रतिस्पर्द्धी दिमाग वाला था। जब भी ये कोई बात मन में ठान लेता था तो उसके पीछे ही लग … Read more

निंदा न करें ! Short Moral Story in Hindi

एक दिन एक राजा सुबह-सुबह घोड़ों के तबेले में गये, उसी समय एक साधु महाराज भिक्षा मांगने के लिए आ गये। सुबह-सुबह साधु के द्वारा भिक्षा मांगते देखकर राजा को बहुत क्रोध आ गया और राजा ने बिना कुछ बिचार किये तबेले से घोडें की लीद उठाकर साधु के पात्र में डाल दी। साधु बहुत … Read more

संगठन की शक्ति! Sangathan Ki Shakti – Moral Story in Hindi

एक वन में एक बहुत विशाल और क्रूर अजगर रहता था। उसे अपने ऊपर बहुत अभिमानी था। उस वन के अन्‍य जीव उससे बहुत डरते थे। क्योंकि वह अजगर इतना विकराल था कि एक ही बार में ही खरगोश को निगल लेता था। एक बार अजगर को भूख लगी और वह अपनी बिल से निकलकर … Read more

बासी रोटी और ठंडी रोटी – Short Moral Story in Hindi

एक लड़का था, माँ ने उसका विवाह कर दिया, पर वह कुछ कमाता नहीं था। माँ जब भी उसे रोटी परोसती थी, तब वह कहती कि बेटा, ठण्डी रोटी खा लो! लड़के की समझ में नहीं आया कि माँ ऐसा क्यों कहती है, फिर भी वह चुप रहा। एक दिन माँ किसी काम से बाहर … Read more

!! रोटी !! – Short Moral Story in Hindi

एक मित्र ने अपनी पत्नी के स्वर्गवास हो जाने के बाद अपने दोस्तों के साथ सुबह-शाम पार्क में टहलना और गप्पें मारना और पास के मंदिर में दर्शन करने को अपनी दिनचर्या बना लिया था। हालांकि घर में उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी। सभी लोग उनका बहुत ध्यान रखते थे, परंतु … Read more

संस्कार…अपने-अपने – Short Moral Story in Hindi

बिटिया कुछ है क्या खाने को…. दोपहर तीन बजे के आसपास रामेश्वर बाबू ने बहु के कमरे में आवाज लगाते हुए कहाये भी कोई वक्त है खाने का और अभी ग्यारह बजे दिया था ना दूध वाला दलिया फिर अब…. तीन बजे है जो रोटी सब्जी बनाई थी खत्म हो गई है और आपको कोई … Read more

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