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हितैषी की सीख मानो! – मूर्ख कछुए की कहानी Panchatantra Story in Hindi

सुहृदां हितकामानां न करोतीह यो वच:। सकूम इव दुर्बद्धि: काष्‍ठाद् भ्रष्‍टो विनश्‍यति। हितचिन्‍तक मित्रों की बात पर जो ध्‍यान नहीं देता, वह मूर्ख नष्‍ट हो जाता है। एक तालाब में कम्‍बुग्रीव नाम का कछुआ रहता था। उसी तालाब में प्रति दिन आने वाले दो हंस, जिनका नाम संकट और विकट था, उसके मित्र थे। तीनों […]

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घड़े-पत्‍थर का न्‍याय! टिटिहरी और समुद्र की पंचतंत्र कहानी

बलवन्तं रिपु दृष्‍ट्वा न वाSSमान प्रकोपयेत् शत्रु अधिक बलशाली हो तो क्रोध प्रकट न करे, शान्‍त हो जाए। समुद्र तट के एक भाग में एक टिटिहरी का जोड़ा रहता था। अण्‍डे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित प्रदेश की खोज करने के लिए कहा। टिटिहरे ने कहा- यहॉं स्‍थान पर्याप्‍त सुरक्षित […]

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फूँक-फुँककर पग धरो! ऊँट और शेर की कहानी Panchatantra Story in Hindi

सेवसधर्म: परमगहनो… सेवाधर्म बड़ा कठिन धर्म है। एक जंगल में मदोत्‍कट नाम का शेर रहता था। उसके नौकर-चाकरों में कौवा, गीदड़, बाघ, चीता आदि अनेक पशु थे। एक दिन वन में घूमते-घूमते एक ऊंट वहॉं आ गया। शेर ने ऊँट को देखकर अपने नौकरों से पूछा- यह कौन-सा पशु है? जंगली है या ग्राम्‍य? कौवे […]

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रंगा सियार – गीदड़ और शेर की पंचतंत्र प्रेरक कहानियां!

त्यक्‍ताश्चाऽयान्‍तरा येन बाह्यश्चाम्यतरीकृताः। स एव मृत्युमाप्नोति मूर्खश्चण्डरवीयथा ।। अपने स्वभाव के विरुद्ध आचरण करने वाला… आत्मीयों को छोड़कर परकीयों में रहने वाला नष्ट हो जाता है। एक दिन जंगल में रहने वाला चण्डरव नाम का गीदड़ भूख से तड़पता हुआ लोभवश नगर में भूख मिटाने के लिए आ पहुंचा। उसके नगर में प्रवेश करते ही […]

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कुसंग का फल – जूँ और खटमल की कहानी! Panchatantra Story in Hindi

  न ह्यविज्ञातशीलस्य प्रदातव्यः प्रतिश्रयः अज्ञात या विरोधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को आश्रय नहीं देना चाहिए। एक राजा के शयनगृह में शय्या पर बिछी सफेद चादरों के बीच एक मन्‍दविसर्पिणी सफेद जूँ रहती थी। एक दिन इधर-उधर घूमता हुआ एक खटमल वहाँ आ गया। उस खटमल का नाम था अग्निमुख। अग्निमुख को देखकर दु:खी जूँ […]

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सबसे बड़ा बल: बुद्धिबल – शेर व खरगोश की पंचतंत्र कहानी!

यस्य बुद्धिर्बलं तस्य निर्बुद्धेस्तु कुतो बलम्। बली वही है, जिसके पास बुद्धि-बल है। एक जंगल में भासुरक नाम का शेर रहता था। बहुत बलशाली होने के कारण वह प्रतिदिन जंगल के मृग, खरगोश-हिरण-रीछ-चीता आदि पशुओं को मारा करता था। एक दिन जंगल के सभी जानवरों ने मिलकर सभा की और निश्‍चय किया कि भासुरक शेर […]

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बगुला भगत – बगुला और केकड़े की पंचतंत्र कहानी!

उपायेन जयो यादृग्रिपोस्‍तादृड् न हेतिभि: उपाय से शत्रु को जीतो, हथियार से नहीं। एक जंगल में बहुत सी मछलियों से भरा एक तालाब था। एक बगुला वहाँ दिन-प्रतिदिन मछलियों को खाने के लिए आता था, किंतु वृद्ध होने के कारण मछलियों को पकड़ नहीं पाता था। इस तरह भूख से व्याकुल हुआ वह एक दिन […]

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अक्‍ल बड़ी या भैंस! Panchtantra Short Stories With Moral in Hindi

उपायेन हि यच्‍छक्‍यं न तच्‍छक्‍यं पराक्रमै: उपाय द्वारा जो काम हो जाता है वह पराक्रम से नहीं हो पाता एक स्‍थान पर वटवृक्ष की एक बड़ी खोल में एक कौवा-कौवी रहते थे। उसी खोल के पास एक काला सॉंप भी रहता था। वह सॉंप कौवी के नन्‍हे-नन्‍हे बच्‍चों को उनके पंख निकलने से पहले ही […]

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ढोल की पोल! Panchtantra Story in Hindi With Moral

शब्‍दमात्रात् न भीतव्‍यम् शब्‍द-मात्र से डरना उचित नहीं। गोमायु नाम का गीदड़ एक बार भूखा-प्‍यासा जंगल में घूम रहा था। घूमते-घूमते वह एक युद्धभूमि में पहुँच गया। वहॉं दो सेनाओं में युद्ध होकर शांत हो गया था। किन्‍तु एक ढोल अभी तक वहीं पड़ा था। उस ढोल पर इधर-उधर की बेलों की शाखाऍं हवा से […]

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अनधिकार चेष्‍टा! Panchtantra Ki Kahani in Hindi

अव्‍यापारेषु व्‍यापारं यो नर: कर्त्तुमिच्‍छति। स एव निधनं याति कीलोत्पाटीव वानर:।। दूसरे के काम में हस्‍तक्षेप करना मूर्खता है। एक गांव के पास, जंगल की सीमा पर, मंदिर बन रहा था। वहॉं के कारीगर दोपहर के समय भोजन के लिए गॉंव में आ जाते थे। एक दिन जब वे गॉंव में आए हुए थे तो […]

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