प्राचीन काल से हमारे ऋषि-मुनियों, विचारकों और मर्मज्ञों ने इस बात का समर्थन किया है कि मनुष्य जीवन अपने आप में अद्भुत एवं महान है। ईश्वर ने पृथ्वी पर 84 लाख योनियां बनाई हैं जिसमें जीवात्मा भटकने के बाद मनुष्य का जन्म पाती है, क्योंकि पेड़-पौधों में 30 लाख, कीड़े-मकोड़ों में 27 लाख, पक्षी में […]
गंगा विशेष पवित्र नदी क्यों? Ganga Nadi Ko Pavitra Kyon Mana Jata Hai
गंगा प्राचीन काल से ही भारतीय जनमानस में अत्यंत पूज्य रही है। इसका धार्मिक महत्त्व जितना है, विश्व में शायद ही किसी नदी का होगा। यह विश्व की एकमात्र नदी है, जिसे श्रद्धा से माता कहकर पुकारा जाता है। महाभारत में कहा गया है- यद्यकार्यशतम् कृत्वाकृतम् गंगाभिषेचनम् । सर्व तत् तस्य गंगाभ्भो दहत्यग्निरिवेन्धनम् ॥ सर्व […]
ग्रहणकाल में भोजन करना वर्जित क्यों?
हमारे ऋषि-मुनियों ने सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने के समय भोजन करने के लिए मना किया है, क्योंकि उनकी मान्यता थी कि ग्रहण के दौरान खाद्य वस्तुओं, जल आदि में सूक्ष्म जीवाणु एकत्रित होकर दूषित कर देते हैं। इसलिए इनमें कुश डाल दिया जाता है, ताकि कीटाणु कुश में एकत्रित हो जाएं और उन्हें ग्रहण […]
अनिष्ट निवारण के लिए महामृत्युंजय मंत्र को विशेष महत्त्व क्यों?
शास्त्रों एवं पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति एवं अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है। महामृत्युंजय भगवान् शिव को प्रसन्न करने का मंत्र है। इसके प्रभाव से व्यक्ति मौत के मुंह में जाते-जाते बच जाते हैं, मरणासन्न रोगी भी महाकाल शिव की अद्भुत कृपा से जीवन पा […]
पारद शिवलिंग और शालग्राम पूजन का विशेष महत्व क्यों?
पारद शम्भु-बीज है। अर्थात् पारद (पारा) की उत्पत्ति महादेव शंकर के वीर्य से हुई मानी जाती है। इसलिए शास्त्रकारों ने उसे साक्षात् शिव माना है और पारदलिंग का सबसे अधिक महत्त्व बताकर इसे दिव्य बताया है। शुद्ध पारद संस्कार द्वारा बंधन करके जिस देवी-देवता की प्रतिमा बनाई जाती है, वह स्वयं सिद्ध होती है। वागभट्ट […]
जानें हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा क्या है!
अद्भुत रामायण में एक कथा का उल्लेख मिलता है, जिसमें मंगलवार की सुबह जब हनुमानजी को भूख लगी, तो वे माता जानकी के पास कुछ कलेवा पाने के लिए पहुंचे। सीता माता की मांग में लगा सिंदूर देखकर हनुमानजी ने उनसे आश्चर्यपूर्वक पूछा- “माता! मांग में आपने यह कौन-सा लाल द्रव्य लगाया है?” इस पर […]
गणेशजी को दूर्वा और मोदक चढ़ाने का महत्व क्यों?
भगवान् गणेशजी को 3 या 5 गांठ वाली दूर्वा (एक प्रकार की घास) अर्पण करने से वह प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। इसीलिए उन्हें दूर्वा चढ़ाने का शास्त्रों में महत्त्व बताया गया है। इसके संबंध में पुराण में एक कथा का उल्लेख मिलता है- “एक समय पृथ्वी पर अनलासुर […]
सर्वप्रथम गणेश का ही पूजन क्यों? Why Ganesh Puja First?
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य का आरंभ करने के पूर्व गणेशजी की पूजा करना आवश्यक माना गया है, क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता व ऋद्धि-सिद्धि का स्वामी कहा जाता है। इनके स्मरण, ध्यान, जप, आराधना से कामनाओं की पूर्ति होती है व विघ्नों का विनाश होता है। वे शीघ्र प्रसन्न होने वाले बुद्धि के अधिष्ठाता […]
प्रेरणादायक कहानी: ज्ञान का सदुपयोग परोपकार में करें।
एक महान संत थे जो बहुत बड़े तपस्वी थे। उन्हें कई शास्त्रों का ज्ञान था। कई श्लोक मुँह जबानी याद थे। उनकी बुद्धिमानी के चर्चे मीलों तक थे। संत दिन रात प्रत्येक पल भगवान् की भक्ति में लगे रहते थे। कठिन से कठिन तपस्या करते थे, लेकिन उन्हें सेवा में रूचि नहीं थी। उन्हें लगता […]
प्रेरणादायक कहानी: हमारी फैमिली! Motivational Story in Hindi
वाह… याहू… अंजू… अरे अंजू देखो तो… नीत गीता तुम भी आओ मेरे बच्चों देखो… रमेश लगभग खुशी से झूमते हुए चहकते अपनी पत्नी अंजू और दोनों बच्चों को बुला रहा था! क्या हुआ जी… पत्नी बोली… हां पापा…. कुछ बताओ भी तो आप बडे खुश लग रहे हो क्या लॉटरी लग गई आपकी या […]
