Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

चारों धामों की यात्रा का धार्मिक महत्त्व क्यों है ?

जिस प्रकार हिन्दू संस्कृति के चार वेद हैं, चार वर्ण हैं, चार दिशाएं हैं, ठीक उसी प्रकार चार धाम हैं। भारत की पवित्र भूमि में पूर्व में जगन्नाथ पुरी, पश्चिम में द्वारका पुरी, दक्षिण में रामेश्वरम् और उत्तर में बद्रीनाथ धाम स्थापित हैं। जगन्नाथ पुरी को अनेक वैष्णव संतों ने अलौकिक तीर्थ धाम माना है। […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

तीर्थों का महत्त्व क्यों है और तीर्थ यात्रा क्यों करनी चाहिए?

शास्त्रकार ने कहा है- तारयितुं समर्थः इति तीर्थः। अर्थात् जो तार देने, पार कर देने में समर्थ होता है, वह तीर्थ कहलाता है। तरना सद्विचारों, सत्कर्मों एवं संतों के सत्संग से ही हो सकता है। जिन स्थानों में देवी-देवताओं की शक्तियों का प्रभाव, प्राकृतिक सौंदर्य, विशेष तेजोमय जल, संतों, महात्माओं का सत्संग आदि प्राप्त होते […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

जानें भगवान विष्णु के दस अवतार कौन-कौन से हैं।

श्रीमद्भगवद्‌गीता 4/7-8 में भगवान् श्रीकृष्ण कहते हैं- यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे ॥ हे भारत! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ही मैं अपने रूप को रचता हूं। अर्थात् साकार रूप में लोगों के […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में ही कुंभ का मेला क्यों ?

इन चार मुख्य तीर्थ स्थानों पर 12-12 वर्षों के अंतर से लगने वाले कुंभ पर्व में स्नान और दान का ग्रहयोग बनता है। इस अवसर पर न केवल भारतवर्ष के हिंदू भक्त, बल्कि बाहर के देशों से भी हिंदू कुंभ स्नान के लिए आते हैं। सामान्य तौर पर प्रति 6 वर्ष के अंतर से कहीं-न-कहीं […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

विश्वकर्मा भगवान की पूजा क्यों करते हैं ?

मशीनरी से संबंधित व्यवसायों में विश्वकर्मा की प्रार्थना करके ही कार्यारंभ किया जाता है, ताकि कारखाने में कोई दुर्घटना न हो और कार्य में निरंतर सफलता मिले, यही विश्वकर्मा पूजन का रहस्य है। प्रभु ही विश्व के निर्माता हैं। इसलिए प्रभु का सर्वोपरि नाम विश्वकर्मा है। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

जानें यमराज का दूसरा नाम धर्मराज क्यों है ?

प्राणी की मृत्यु या अंत को लाने वाले देवता यम हैं। यमलोक के स्वामी होने के कारण ये यमराज कहलाए। चूंकि मृत्यु से सब डरते हैं, इसलिए यमराज से भी सब डरने लगे। जीवित प्राणी का जब अपना काम पूरा हो जाता है, तब मृत्यु के समय शरीर में से प्राण खींच लिए जाते हैं, […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

बुरी नजर क्‍या होती है और इसके लगने की मान्यता क्यों?

संसार के लगभग सभी देशों में बुरी नजर लगने के प्रभाव को जाना जाता है। जीवित प्राणियों पर ही नहीं वरन् निर्जीव पदार्थ तक बुरी नजर लगने पर विकारग्रस्त हो जाते हैं। सुंदर वस्तुएं खो जाती हैं, नष्ट हो जाती हैं। यहां तक कि सुंदर प्रतिमा बुरी नजर के प्रभाव से खंडित होती देखी गई […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

जानें शकुन-अपशकुन क्‍या होता है और इसकी मान्यता क्यों है ?

वेदों, स्मृतियों, पुराणादि धर्मशास्त्रों एवं फलित ज्योतिष शास्त्रों तथा धर्मसिन्धु में शुभ-अशुभ शकुनों के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई है। शकुन हेतु तुलसीकृत ‘रामाज्ञा-प्रश्न’ एवं ‘रामशलाका’ भी प्रसिद्ध हैं। शकुन के संबंध में प्रसिद्ध ग्रंथ वसंतराज शाकुन का कथन है- ‘शुभाशुभज्ञानविनिर्णयाय हेतुर्नणां यः शकुन’ अर्थात् जिन चिह्नों को देखने से ‘शुभ-अशुभ’ का ज्ञान […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

शुभ कार्यों में मुहूर्त का महत्त्व क्यों होता है ?

हम आए दिन देखते हैं कि अनेक लोग दैनिक दिनचर्या की शुरुआत हो या यात्रा पर जाना हो, विवाह का अवसर हो, गृह-निर्माण हो या गृहप्रवेश, सभी के लिए शुभ घड़ी, मुहूर्त और चौघड़ियां देखकर कार्य प्रारंभ करते हैं। इसे कुछ पढ़े-लिखे व्यक्ति भले ही दकियानूसी अंधविश्वास कहें, लेकिन वैज्ञानिक प्रयोगों से पता चला है […]

Posted inHindu Riti Riwaj / Manyataye

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन क्यों करते हैं ?

हर हिंदू परिवार में दीवाली की रात्रि को धन-दौलत की प्राप्ति हेतु लक्ष्मी का पूजन होता है। ऐसा माना जाता है कि दीवाली की रात लक्ष्मी घर में आती हैं। इसीलिए लोग देहरी से घर के अंदर जाते हुए लक्ष्मीजी के पांव (पैर) बनाते हैं। पुराणों के आधार पर कुल और गोत्रादि के अनुसार लक्ष्मी-पूजन […]

error: Content is protected !!