जि़ंज़रब्रेड मैन और पागल हाथी – Short Moral Story in Hindi

जिंजरब्रेड मैन

एक समय की बात है, एक बूढ़ी औरत थी। उसकी कोई संतान नहीं थी। वह बहुत ही अकेली थी।

एक दिन उसने जिंजरब्रेड का एक लड़का बनाने का निर्णय किया। उसने आटा गूँथकर उसे एक लड़का का आकार दिया।

किशमिश से ऑंखे और मुँह बनाकर, चीनी से बाल और कपड़े बनाए। मीठी गोलियों के बटन लगाकर उसे पकने के लिए तंदूर खोला, तो जि़ंज़रब्रेड मैन कूदकर बाहर निकला और भागने लगा।

बूढ़ी औरत उसके पीछे-पीछे भागी, पर वह भागता ही जाता था। साथ में गाता जाता था,
”भागो-भागो, पूरी ताकत से भागो… तुम मुझे नहीं पकड़ सकते, मैं जि़ज़रब्रेड मैन हूँ।”

दौड़ते-दौड़ते उसकी मुलाकात एक गाय, एक घोड़े और एक बकरी से हुई, पर कोई उसे न पकड़ सका।
वह एक तालाब के किनारे पहुँचा। वहॉं उसकी मुलाकात एक लौमड़ी से हुई।
उसे देखकर जि़ंज़रब्रेड मैन ने अपनी शेखी बघारी, ”मुझे कोई नहीं पकड़ सका है, मैं जि़ंज़रब्रेड मै हूँ।”

लोमड़ी ने कहा, ” मैं तो तुम्‍हारी सखी हूँ, तुम्‍हें खाना नहीं चाहती तुम थोड़ा आराम कर लो… थक गए हो…”

जैसे ही वह आराम करने बैठा लोमड़ी ने लपककर उसे खा लिया।

शिक्षा:- जल्‍दी का काम शैतान का होता है।


पागल हाथी

एक आश्रम में हवन का आयोजन किया गया और इस हवन में कई सारे राजाओं को आने का निमंत्रण दिया गया। इस हवन की तैयारी में आश्रम के सभी शिष्‍य लग गए। तभी इन शिष्‍यों के पास आकर इनके गुरू इनसे कहते हैं, हवन करने के लिए हमें कई सारी लकडि़यों की जरूरत पड़ेगी, इसलिए आप सभी जंगल जाकर वहां से लकडि़यां ले आएं।

गुरू की आज्ञा मिलते ही सभी शिष्‍य जंगल चले जाते है और लकडि़यां इकट्ठी करने लग जाते हैं, तभी एक शिष्‍य को एक जंगली हाथी आते हुए दिखता है, वह शिष्‍य अन्‍य शिष्‍यों को चेतावनी देता है और कहता है कि सब रास्‍ते से हट जाओं, एक पागल हाथी इसी ओर आ रहा है। अपने साथी की बात सुनकर हर कोई रास्‍ते से हटने लगा जाता है, लेकिन एक शिष्‍य रास्‍ते से नहीं हटता और लकडि़यां इकट्ठी करने में लगा रहता है।

उसके साथी मित्र उसे रास्‍ते से हटने को कहते हैं, मगर वो किसी की भी बात नहीं सुनता और उनसे कहता है, गुरूजी ने कहा था कि इस दुनिया की हर चीज में नारायण का वास है। इसलिए मैं जानता हूँ कि यह हाथी मुझे कुछ भी नहीं करेगा। तुम लोग बेवजह इस हाथी से डर रहे हो।

वही थोड़ी देर बाद हाथी इस शिष्‍य के पास आता है और उसे अपनी सूंड से उठाकर फेंक देता है। शिष्‍य बेहोश हो जाता है और उसे बहुत चोट लग जाती है। इस शिष्‍य के साथी उसे उठाकर आश्रम लेकर जाते है और वह काफी देर तक बेहोश ही रहता है।

कुछ देर बाद इसे होश आता है और तब गुरू अपने इस शिष्‍य से कहते हैं, तुम पागल हाथी को देखकर रास्‍ते से क्‍यों नहीं हटे?

शिष्‍य गुरू से कहता है, आपने ही तो कहा था कि इस दुनिया की हर चीज में भगवान का वास होता है। इसी वजह से मैं अपनी जगह से नहीं हटा और मैंने हाथी को भगवान समझकर उसे नमस्‍कार किया। मगर उस हाथी ने तुझ पर हमला कर दिया और मेरी ये हालत हो गई।

अपने शिष्‍य की यह बात सुनकर गुरू उसे कहते हैं, हॉं मैंने कहा था कि इस दुनिया के हर जीव में भगवान का वास होता है, लेकिन जब अन्‍य शिष्‍य तुमको वहां से हटा रहे थे तब तुमने उनकी बात क्‍यों नहीं मानी ?

क्‍या तब तुम्‍हें इन लोगों के अदंर भगवान नज़र नहीं आए ?

इंसान को सदा हालातों को देखकर ही निर्णय लेना चाहिए और हमेशा अपने दिमाग का इस्‍तेमाल करना चाहिए। जो लोग एक ही बात को पकड़कर बैठ जाते हैं और उसी पर विश्‍वास करने लग जाते हैं, वो लोग मूर्ख होते हैं।

अपने गुरू की बात सुनकर शिष्‍य को समझ आया कि उसने गलती की है और उसे अपने साथियों की बात मान लेनी चाहिए थी।

सीख – एक ही बात को पकड़कर न बैठें और हमेशा हालातों को देखकर ही निर्णय लेना चाहिए।

इस कहानी को भी पढ़ें:- संगठन की शक्ति! Sangathan Ki Shakti – Moral Story in Hindi

Read Quotes in Hindi :- अनमोल वचन / सुविचार Quotes in Hindi With Images


Anmol Vachan .in Have Big Collection of Short Moral Story in Hindi for Kids and Students, You Can Read Motivational and Inspirational Stories and Share With You Friends and Family on Twitter, Whatsapp, Instagram and Facebook Status Update

error: Content is protected !!