Read 3 Best Moral Stories in Hindi for Students, Kids, Baccho Ke Liye Prernadayak Kahani Chhoti Si in Hindi
विश्वास का महत्व
एक गांव में एक विधवा अकेली रहती थी। गांव के सारे लोग उसकी देखभाल तथा उसकी सारी जरूरतें भी पूरा करते थे। गांव वालों ने उस महिला को एक घंटा दे दिया था, जिसको बजाने पर सभी गांव वाले उसके पास मदद करने आ जाते थे। एक दिन उस महिला ने गावं वालों की परीक्षा लेने के लिये, घंटा बिना कारण के बजा दिया।
घंटे की आवाज सुनकर सारे गावं वाले उसकी सहायता करने आ गये। बाद में गांव वालों को पता लगा कि महिला ने बिना कारण घंटा बजा दिया था। इस पर सभी गांव वाले महिला पर बहुत नाराज हुये और महिला को समझाया। एक दिन वास्तव में एक शेर महिला के घर के पास आ गया। महिला ने जोर-जोर से घंटा बजाया, परंतु गांव वाले उसके पास नहीं आये। उन्होंने सोचा कि शायद महिला ने मजाक में बिना किसी कारण के घंटा बजा दिया है। इसी बीच, शेर ने महिला को मार डाला और उसे अपना भोजन बना लिया।
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भेडि़या का मायाजाल
एक गांव में बहुत सारी भेड़ें एक स्थान पर चर रही थी तथा उनका मालिक गड़रिया पास में पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। उसी समय एक भेडि़या आया। उसके पास भेड़ की खाल थी। उसने सोचा कि भेड़ की खाल पहन कर वह भी इन भेड़ों के झुंड में शामिल हो जाये तथा मौका पाकर एक-एक करके भेड़ों को अपना भोजन बना लेगा। इस प्रकार गड़रिया को इसकी जानकारी नहीं होगी।
शाम होने पर गड़रिया सब भेड़ों को लेकर अपने गांव की तरफ चल दिया। भेड़ के झुंड में भेडि़या भी भेड़ की खाल में था। वह भी भेड़ों के साथ गड़रिया के घर पर आ गया। रात में राजा ने अपना एक आदमी गांव भेजा कि गड़रिया से एक मोटी व स्वस्थ्य भेड़ ले आओ, जिसको काट कर मेहमानों के लिए भोजन पकाया जाये। राजा के आदमी ने उस भेड़ को पसंद किया जो कि असलियत में भेडि़या था। इस प्रकार भेडि़या जो कि लालच में बहरूपिया बना था, की दर्दनाक मौत हो गयी।
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रोटी का रंग
यह लघु कथा बहुत पुरानी है एवं लोकप्रिय होने के साथ जन कल्याणकारी व ज्ञानयुक्त भी है।
एक बार श्री गुरूनानक देव जी अपने संतवचनों की वर्षा करते हुए एक गांव में पधारे। गांव के मुखिया मलिक मांगों और गांव के बढ़ई, लालों दोनों ने परम श्रध्देय गुरूदेव को अपने घर भोजन के लिये आमंत्रित किया। गुरूदेव ने गांव के मुखिया के घर न जाकर गांव के बढ़ई के यहां जाकर भोजन प्राप्त किया।
इस पर गांव के लोगों ने गुरूदेव से इसका कारण जानजा चाहा। गुरूदेव ने मुखिया के घर से रोटी मंगाई और रोटी को जोर से निचोड़ा। रोटी से लाल खून जैसा पदार्थ बहने लगा। फिर गुरूदेव ने बढ़ई के घर से रोटी मंगाई और उसे भी निचोड़ा तो रोटी से दूध बहने लगा। एक रोटी दूसरों की मेहनत का लाभ उठा कर कमाई गई थी और दूसरी अपनी मेहनत की थी।
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