बहुभाषाविद् और तेनाली राम! Tenali Ramakrishna Story in Hindi

महाराज कृष्णदेव राय विद्वत्ता-प्रेमी थे। स्वयं स्वाध्याय करते और स्वाध्यायियों की सराहना भी करते। उनके दरबार में प्रायः विभिन्न राज्यों के विद्वान आते और अपनी विद्वत्ता का प्रदर्शन कर उनसे उपहार आदि प्राप्त करते। विद्वानों को समा-त करते समय महाराज को आन्तरिक प्रसन्नता होती। एक बार महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में एक ऐसा भाषाविद् … Read more

पंडित का आशीष! Tenali Ramakrishna Story in Hindi

महाराज कृष्णदेव राय धर्म में आस्था रखते थे और समय-समय पर तीर्थस्थलों का भ्रमण कर वहाँ के देवालयों में पूजा-अर्चना करते थे। एक बार महाराज द्रविड़ राज्य के तीर्थस्थलों का भ्रमण करने गए। वहाँ एक देवालय में उन्हें एक तेजस्वी पुजारी के दर्शन हुए। वह पुजारी प्रकांड पंडित थे। समस्त शास्त्रों के ज्ञाता। महाराज उनसे … Read more

कारगर तरकीब! तेनाली राम की मजेदार कहानियां

तेनाली राम अपनी मेधा के बूते विजयनगर के दरबार का सबसे लोकप्रिय सभासद बन चुका था। एक साधारण विदूषक ने इतनी तरक्की कर ली थी कि उसके सहकर्मी सभासद उससे ईष्या करने लगे थे। तेनाली राम को किसी चीज का अभाव नहीं था। प्रायः दरबार में महाराज उसकी बातों से प्रसन्न होकर उसे कुछ-न-कुछ देते … Read more

तेनाली राम का न्याय! Tenali Rama Short Moral Story in Hindi

महाराज कृष्णदेव राय अपने सभासदों के साथ अपने राजदरबार में बैठे थे। किसी विषय पर बहस चल रही थी। महाराज गौर से सभासदों के विचार सुन रहे थे। इसी बीच एक गरीब व्यक्ति फरियादी के रूप में दरबार में उपस्थित हुआ और महाराज के समक्ष हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। महाराज ने उसकी तरफ देखा … Read more

लौह दंड के फूल! तेनाली राम की प्रेरणादायक कहानी

विजयनगर में अमन-चैन था। महाराज कृष्णदेव राय की लोकप्रियता आकाश छू रही थी। उन्हें प्रजापालक, न्यायप्रिय और धैर्यवान शासक माना जा रहा था। अपने राज्य में ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी उन्हें कृपालु और उदार शासक कहा जाने लगा था। उनकी लोकप्रियता के पीछे तेनाली राम की बुद्धि की बड़ी भूमिका थी। तेनाली … Read more

माँ की पहचान! Tenali Rama Ki Kahani in Hindi

तेनाली राम विलक्षण बुद्धि का था। वह विपरीत परिस्थितियों में भी अपना धैर्य बनाए रखता था। उसमें ऐसे अनेक गुण थे जो उसे आम विद्वानों से अलग करते थे। उसकी इन क्षमताओं के कारण ही महाराज कृष्णदेव राय उसे ऐसे उलझनपूर्ण कार्य भी सौंप दिया करते थे जिसका हल आम सभासदों के पास नहीं हुआ … Read more

खुलीं आँखें महाराज की! Tenali Rama Short Moral Story in Hindi

महाराज कृष्णदेव राय कभी-कभी तेनाली राम को साथ लेकर विजयनगर की प्रजा का दुख-सुख जानने के उद्देश्य से भ्रमण के लिए निकल जाते थे। ऐसे भ्रमण के समय दोनों आम नागरिकों जैसे परिधान में रहते थे। एक दिन महाराज ने कहा, “तेनाली राम! राज-काज की समरसता से बड़ी ऊब हो रही है। क्यों न हम … Read more

श्रम और स्वाद! – तेनाली रामा की कहानियां हिंदी में

एक बार महाराज कृष्णदेव राय तेनाली राम के साथ घोड़े पर सवार होकर शिकार के लिए विजयनगर के निकटवर्ती जंगल में गए। दोनों ने इच्छा भर शिकार किया और वापसी के लिए घोड़ा घुमा लिया। लेकिन थोड़ी ही देर के बाद उन्हें समझ में आ गया कि वे राह भटक गए हैं। दोनों भटकते-भटकते थककर … Read more

खेत का उपदेश! Tenali Rama Moral Stories in Hindi

महाराज कृष्णदेव राय अपने प्रिय सभासद तेनाली राम के साथ प्रायः विजयनगर के भ्रमण के लिए निकल जाते थे। प्रजा का दुख-दर्द जानने का उन्हें अपना यह तरीका बहुत पसन्द था। इस तरह के भ्रमण से जहाँ वे अपने राज्य की समस्त सूचनाओं से भिज्ञ रहते थे, वहीं अपने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों … Read more

महत्त्वाकांक्षी युवा तपस्वी! Tenali Rama Ki Kahani in Hindi

विजयनगर में प्रत्येक वर्ष कोई-न-कोई उत्सव-समारोह आदि हुआ करता था। महाराज कृष्णदेव राय उत्सव-प्रेमी ही नहीं, अध्यात्म-प्रेमी भी थे। उनका मानना था कि आध्यात्मिक होने का अर्थ यह नहीं है कि आप धार्मिक कर्मकांडों में उलझ जाएँ। ये कर्मकांड तो मनुष्य को विचारों की संकीर्णता की ओर ले जाते हैं। यह करो, ऐसे करो बताने … Read more

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