बहुभाषाविद् और तेनाली राम! Tenali Ramakrishna Story in Hindi
महाराज कृष्णदेव राय विद्वत्ता-प्रेमी थे। स्वयं स्वाध्याय करते और स्वाध्यायियों की सराहना भी करते। उनके दरबार में प्रायः विभिन्न राज्यों के विद्वान आते और अपनी विद्वत्ता का प्रदर्शन कर उनसे उपहार आदि प्राप्त करते। विद्वानों को समा-त करते समय महाराज को आन्तरिक प्रसन्नता होती। एक बार महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में एक ऐसा भाषाविद् … Read more