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क्‍या करें? लोक कथा Motivational Prernadayak Kahani in Hindi

प्राचीन समय में संजय नाम का एक उत्‍साही व्‍यक्ति था। उसे साधु-महात्‍माओं की संगति बहुत प्रिय थी। इसके लिए वह बड़े-बड़े तीर्थों और मठों में घूमता रहता था। एक बार उसे किसी सिद्ध योगी के पास रहने का अवसर मिला। संजय ने उन्‍हें अपनी सेवा से कुछ ही दिनों में बहुत प्रसन्‍न कर लिया। एक […]

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अधिकार की रक्षा! प्रेरणादायक लोक कहानी कथा Folk Tales in Hindi

कुंजरमल्ल नाम का एक साधारण किसान था। वह रूपयों-पैसों का तो नहीं, लेकिन बल, उत्‍साह का धनी था। भीख मांगकर पेट भरने की अपेक्षा, भूखा रहना या परिश्रम से रूखा-सूखा कमाकर खाना उसको स्‍वभाव से ही प्रिय था। उसके पास ज़मीन का केवल एक टुकड़ा था जो उसके घर से कुछ दूर पहाड़ी के पास […]

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छोटा साथी भी काम देता है। प्रेरणादायक लघु कथा!

बहुत दिन हुए, किसी गांव में सीताराम नाम का एक सीधा-सादा आदमी रहता था। उसे पक्षियों से बड़ा प्रेम था। काम-धाम से छुट्टी पाने पर वह पालतू चिडि़यों के साथ मनोविनोद में समय बिताता था। उसका घर एक छोटा-मोटा चिडि़याघर ही था। एक दिन सीताराम के दो साथियों ने किसी दूर के मेले में जाने […]

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धूर्त की प्रीति! एक कंजूस सेठ की मजेदार लोक कथा

एक नामी कंजूस था। लोग कहते थे कि वह स्‍वप्‍न में भी किसी को प्रीति-भोज का निमंत्रण नहीं देता था। इस बदनामी को दूर करने के लिए एक दिन उसने बड़ा साहस करके एक सीधे-सादे सज्‍जन को अपने यहां खाने का न्‍योता दिया। सज्जन ने आनाकानी की। तब कंजूस ने कहा- आप यह न समझे […]

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भय से अनर्थ होता है! मजेदार प्रेरणादायक लोक कथा

प्राचीन काल में राजा ब्रह्मदत्त ने एक बहुत बड़ा बाग लगाया था। उसके बीच में राजा और रानियों के नहाने के लिए एक सुंदर सरोवर था। बाग की रक्षा का उत्तम प्रबंध किया गया था। कोई बाहरी आदमी उसके भीतर नहीं जा सकता था, लेकिन बंदर कूदते-फांदते पहुंच ही जाते थे। बाग के पेड़ों पर […]

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काम से बड़प्‍पन मिलता है! प्रेरणादायक लोक कथा

प्राचीन काल की बात है। तक्षशिला के महाविद्यालय में पापक नाम का एक विद्यार्थी पढ़ता था। उसका साथी लोग जब उसे पापक कहकर पुकारते, तो वह अपने अशुभ नाम पर बहुत लज्जित होता था। एक दिन उसने सोचा कि इस बुरे नाम के स्‍थान पर अपना कोई अच्‍छा नाम रख लेने से मेरा गौरव बढ़ […]

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हार-जीत का रहस्य! Lok Katha Folk Tales in Hindi with Moral

एक बार चार आदमी एक साथ पैदल परदेश की यात्रा करने निकले। उनमें से एक ब्राह्मण था, दूसरा ठाकुर, तीसरा बनिया और चौथा नाई। चारों गाते, बातें बनाते घर से बहुत दूर निकल गए। रास्ते में दोपहर के समय उन्हें भूख लगी और तब ध्यान आया कि घर से तो खाने का सामान लेकर चले […]

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धनी और निर्धन – नीलम चिड़िया की लोक कथा! Folk Tales in Hindi

बहुत दिन पहले दो भाई थे। छोटे भाई के कोई संतान नहीं थी, वह बड़ा व्‍यापारी था और सुखी जीवन व्‍यतीत करता था। बड़ा भाई निर्धनता में जीवन-यापन करता था, उसकी एकमात्र खुशी थी उसके दो बेटे- हसन और हसैन। गर्मियों में जैसे ही जंगली बेरिया पकने लगती, हसन और हुसैन उन्‍हें चुनने चल पड़ते। […]

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नेकी और बदी! लोक कथा Folk Tales in Hindi with Moral

बहुत दिन हुए दो आदमी थे- जक्‍सीलिक़ (नेकी) और जमनदिक़ (बदी)। एक बार जमनदिक़ लम्‍बे सफ़र पर रवाना हुआ। वह चलता रहा, चलता रहा और बहुत थक गया। एक बांका नौजवान घोड़े पर उसके पास पहुँचा। वह बांका नौजवान और कोई नहीं, जक्‍सीलिक़ था। मालूम पड़ा, उन दोनों का रास्‍ता एक ही है। ”मुझे अपने […]

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तीन शिकारी – एक मजेदार लोक कथा Funny Folk Tales in Hindi

तीन शिकारी थे : दो दाढ़ीवाले, एक बेदाढ़ी एक बार वे चिडि़यों का शिकार करने जंगल में गये। वे दिन भर शिकार की तलाश में भटकते रहे और केवल शाम होते-होते एक द्रोफा (जंगल की एक बड़ी चिडि़या, जिसकी गर्दन लम्‍बी होती है और पैर काफ़ी मजबूत होते हैं।) मार पाये। फिर शिकारियों ने एक […]

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