साहसी गधा – लोक कथा ( Indian Folk Tales in Hindi )

एक गधा बोझा ढोते-ढोते बुरी तरह ऊब गया। एक बार उसने अपने मित्र ऊँट से कहा: ”ऊंट, ओ ऊंट! मैं तो बोझा ढोते-ढोते ऊब गया हूँ: मेरी सारी पीठ उधेड़ रखी है! चलो, मालिक को छोड़कर भाग जाते हैं, दोनों मिलकर आज़ादी से रहेंगे, जो मन में आयेगा, करेंगे।” ऊंट चुप्‍पी साधे थोड़ी देर तक … Read more

अक़्लमंदों की दूर बला! Lok Katha | Folk Tales in Hindi

बहुत दिन पहले जिरेंशे-शेशेन नाम का एक ज्ञानी था। उसका ज्ञान समुद्र-सा गहरा और निस्‍सीम था, उसके मुख से शब्‍द बुलबुल के मुंह से गीत जैसे झरते थे। किन्‍तु अपने सारे गुणों के बावजूद जिरेंशे स्‍तेपी (जंगल) में सबसे ज्यादा गरीब था। जब वह अपनी मिटृटी की झोंपड़ी में लेटता, तो उसके पैर देहली के … Read more

बुद्धिमान भाई! Bharat Ki Lok Kathayen | Folk Tales in Hindi

बहुत दिन हुए एक सदाचारी और ज्ञानी पुरुष रहता था। उसके तीन पुत्र थे। कहते है, शिकारी का बेटा तीरों के धार चढ़ाता है और दर्जी का बेटा कपड़े काटता है। और विद्धान के पुत्र बचपन से ही अपना सारा समय ज्ञानवर्द्धक पुस्‍तकें पढ़ने में बिताते थे। उनमें से बड़ा अभी घोड़े पर चढ़ना भी … Read more

अपना-अपना भाग्‍य! प्रेरणादायक लोक कहानी

दो भाई थे। बड़ा भाई बुद्धिमान और परिश्रमी था, जब कि छोटा-नसमझ, सुस्‍त और ईर्ष्‍यालु था। उसका नाम कादिर था। यह कहानी उसी के बारे में है। क़ादिर अपने भाई के पास आया और अपना दुखड़ा रोने लगा: ”ऐसा क्‍यों होता है, भैया, कृपा करके ज़रा समझा दो! हम दोनों एक ही वंश और क़बीले … Read more

रूपवती मीरजान और सांपों का बादशाह! लोक कथा

एक ग़रीब विधवा थी। एसके एक एकलौती बेटी थी। उनके वंश में सबसे रूपवती। उसका नाम मीरज़ान था। एक गरम दिन लड़कियां नदी पर नहाने गयीं और मीरजान को भी अपने साथ ले गयी। पानी में नहाते-नहाते लड़कियां कहने लगी: ”तुम कितनी सुंदर हो, मीरजान! अगर बादशाह तुम्‍हें देख ले, तो कह उठे: ‘मेरी आंखों … Read more

सपना, जो सच हो गया! Lok Katha / Folk Tales in Hindi

सरसेम्‍बाय अनाथ था। न उसका पिता जिंदा रहा था, न ही माता। उसका जीवन दु:ख भरा था। उसने एक ज़मींदार की भेड़ें चराने की नौकरी कर ली। ज़मींदार ने उसे शरद ऋतु में एक लंगड़ी भेड़ देने का प्रलोभन दिया। नन्‍हा गड़रिया इस पर भी खुश था। वह भेड़ें चराता रहा, ज़मींदार की जूठन खाता … Read more

खान सुलेमान और बायगीज़ Folk Tales in Hindi with Moral Lok Kathayen

खान सुलेमान के महल यों तो बहुमूल्‍य वस्‍तुओं से भरे पड़े थे, पर उसके लिए सोने की एक अंगूठी सबसे ज्यादा मूल्‍यवान थी, जिसे वह कभी उंगली से नहीं उतारता था। वह अंगूठी जादूई थी: जो भी उस अंगूठी को पहनता, वही पशु-पक्षियों तथा पौधों की भाषा समझने लगता और सारे प्राणी उसके अधीन हो … Read more

रूपवती अयस्‍लू! Bharat Ki Lok Kathayen in Hindi

एक गांव में तीन सगे भाई रहते थे। वे इतने बलवान और चतुर थे कि उनके सारे समवयस्‍क उन पर गर्व करते थे। सारी बालाऐं उन्‍हें प्रशंसा की दृष्टि से देखती थी, सारे बुजुर्ग उनकी तारीफ करते थे। भाई बचपन से ही एक दूसरे को बहुत प्‍यार करते थे। न वे कभी एक दूसरे से … Read more

अद्भुत बाग! – लोक कथा हिंदी में ( Folk Tale in Hindi )

बहुत पहले दो ग़रीब दोस्‍त थे- असन और हसेन। असन जमीन के छोटे से टुकड़े पर खेती करता था। हसेन अपना भेड़ों का छोटा सा रेवड़ चराता था। वे इसी तरह रूखा-सूखा खाने लायक कमाकर गुजर-बसर करते थे। दोनों मित्र काफी पहले विधुर हो चुके थे, लेकिन असन की एक रूपवती व स्‍नेहमयी बेटी थी। … Read more

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