हौसलों की उड़ान – प्ररेणादयक कहानी

मुंबई के एक पार्क में एक लड़का उदास बैठा कुछ सोच रहा था। वो किसी बात को लेकर दुखी था, बीच-बीच में वह रोने लगता और फिर कुछ सोचने लगता तभी एक बुजुर्ग पास में आकर बैठे और उस लड़के की उदासी का कारण पूछा।

hauslon ki udan motivational story in hindiलड़के ने बताया कि मैं बहुत परेशान हॅू, मैंने एक व्‍यवसाय किया था, जिसमें मुझे 10 लाख रूपये का नुकसान हुआ है। अब मेरे ऊपर 10 लाख रूपये का बैंक कर्ज है, मेरा मकान गिरवी पड़ा है, मेरी बूढ़ी माँ बीमार है, ऐसा लगता है कि दुनिया भी की परेशानी भगवान ने मुझे ही दे दी है। समझ में नहीं आता है कि अब मैं क्‍या करूँ।

बुजुर्ग ने उसकी बातें ध्‍यान से सुनी और फिर उन्‍होने अपने बैग से एक चेक निकाला और बोले, चलों मैं तुम्‍हारी परेशानी दूर कर देता हूँ। मेरा नाम जमशेदजी टाटा है और मैं भारत में सबसे धनवाल व्‍यक्तियों में से एक हूँ। ये लो, मैं तुम्‍हें 10 लाख रूपये का चेक दे रहा हूँ। तुम इससे अपनी परेशानी दूर कर लो और फिर पैसे कमाकर एक साल में मुझे वापस कर देना। मैं तुमहो अब से ठीक एक साल बाद यही मिलुंगा और अपने पैसे ले लूँगा। इतना कहकर वो बुजुर्ग वहां से चले गये।

लड़का आवक होकर देखता रहा। जैसे कि वह कोई सपना देख रहा हो। पल भर में उसकी सारी समस्‍याऍं दूर हो चुकी थी। । वह जमशेदजी के नाम से तो परिचित था पर कभी देखा नहीं था। उसे तो विश्‍वास ही नही हो रहा था कि कोई इतनी बड़ी रकम किसी अंजान व्‍यक्ति को कैसे दे सकता है। उसने सोचा कि जब अंजान व्‍यक्ति मुझ पर भरोसा कर सकता है तो मुझे खूद पर भरोसा क्‍यों नही है। अब उसने निश्‍चय किया कि पहले वो चेक इरूतेमाल नहीं करेगा, पहले वह अपना पूरा प्रयास पूरी ईमानदारी से करेगा और यदि वह अपने पहले प्रयास में असफल रहा तभी वो उस चेक का इस्तेरमाल करेगा।

उसने चेक को अलमारी में सुरक्षित रख दिया और अपने काम में पूरी तन्मयता से लग गया। अब उसके सर पर एक ही जुनून सवार था कि वह किसी ना किसी तरह से एक साल के अंदर कर्ज को चुकायेगा और खुद को अच्छी स्थिति में लायेगा। उसकी मेहनत रंग लायी। साल भर में वह न केवल अपने कर्ज को चुका दिया बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति भी सुधार लिया।

ठीक एक वर्ष बाद उसी तारीख को उसी चेक को लेकर वह पार्क पहूंचा और उस बुजुर्ग का इंतजा़र करने लगा। तभी वो बुजुर्ग आते दिखे। लड़के ने बहुत सम्‍मान से अभिवादन किया और चेक बढ़ा कर कुछ कहना चाहा ही था कि तभी एक नर्स आयी और उस बुजुर्ग को पकड़ लिया और ले जाने लगी।

लड़के ने नर्स से पूछा कि क्या हुआ, नर्स ने कहा, यह एक पागल व्‍यक्ति है, दूसरों को अपना नाम जमशेदजी टाटा बताता रहता है अैर खूद को देश का बड़ा उद्योगपति समझता है। बार-बार यह पागलखाने से भाग जाता है। यह सुनते ही लड़का आवक रह गया कि जिस चेक ने उसके सोये हुए आत्‍मविश्‍वास को जगा दिया और उसकी बदौलत उसने फिर से अपना कैरियर बना लिया और अपना पूरा कर्ज चुका लिया, वो चेक फर्जी था।


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