ढोल की पोल! Panchtantra Story in Hindi With Moral

शब्‍दमात्रात् न भीतव्‍यम् शब्‍द-मात्र से डरना उचित नहीं। गोमायु नाम का गीदड़ एक बार भूखा-प्‍यासा जंगल में घूम रहा था। घूमते-घूमते वह एक युद्धभूमि में पहुँच गया। वहॉं दो सेनाओं में युद्ध होकर शांत हो गया था। किन्‍तु एक ढोल अभी तक वहीं पड़ा था। उस ढोल पर इधर-उधर की बेलों की शाखाऍं हवा से … Read more

अनधिकार चेष्‍टा! Panchtantra Ki Kahani in Hindi

अव्‍यापारेषु व्‍यापारं यो नर: कर्त्तुमिच्‍छति। स एव निधनं याति कीलोत्पाटीव वानर:।। दूसरे के काम में हस्‍तक्षेप करना मूर्खता है। एक गांव के पास, जंगल की सीमा पर, मंदिर बन रहा था। वहॉं के कारीगर दोपहर के समय भोजन के लिए गॉंव में आ जाते थे। एक दिन जब वे गॉंव में आए हुए थे तो … Read more

प्रथम तन्‍त्र :- मित्र भेद! Panchatantra Story in Hindi

महिलारोप्‍य नाम के नगर में वर्धमान नाम का एक वणिकपुत्र रहता था। उसने धर्मयुक्‍त रीति से व्‍यापार में पर्याप्‍त धन पैदा किया था। किन्‍तु उतने से उसे संतोष नहीं होता था, और भी अधिक धन कमाने की इच्‍छा थी। छह उपायों से ही धनोपार्जन किया जाता है- भिक्षा, राजसेवा, खेती, विद्या, सूद और व्‍यापार से। … Read more

error: Content is protected !!