
Jab Tak Lakhon Log Bhokhe Aur Agyani Hain
Tab Tak Main Us Prtyek Vyakti Ko Gaddar Manta Hun
Jo Unke Baal Par Sikchit Hua Aur Ab Wah Uski
oor Dhyan Nahi Deta –Swami Vivekanand
Extra Quotes in Hindi:-
सनसनाहट है,,,किसी के आने की,,
उसके आने से,
थोड़ी धुंधली छाई है,
गिरगिट भी रंग बदलने लगे हैं,
हवाओं में भी थोड़ी तेजी सी आ गई हैं,,
और मेरा मन बस उसका हाथ पकड़ना चाहता हैं,
उसकी सूनी आँखों मे नमी लाना चाहता हैं,,
जो बाते कल्पना की चादर तले हैं,
उसको दिखाना चाहता हैं,,,
क्यूं ये कलियाँ खिलकर मुरझा रही हैं,
कंयू ये खरोंदे टूटकर भी मुस्कुरा रहे हैं,,
तुम बैठों इस धुंधली में,,
जान घुटन तो नही हो रही तुम्हें??
दिल धड़क तो रहा हैं ना??
साल बीत रहे हैं सिसकियों के,
पर जिस्म बर्फ सा आज भी अकड़ा हैं,,
क्या हुआ मैं बोल नही सकती,,
तुम सुन नही सकते,,
खैर तुम्हारा मन लग रहा है ना??
उस अपरिभाषित संवेदना को –
जिसका अनुभव परे है
हमारी सारी इंद्रियों से
जो किसी भाषा के शब्दकोष में
या किसी विज्ञान की पुस्तक में
लिखी ही नहीं जा सकती
और जो समा नहीं सकती
देश, काल या पात्र में,
जिस तरह से तुम आकार देते हो,
ये स्पष्ट हो जाता है कि
तुमने प्यार नहीं
कुछ और किया होगा।
राहु भी लगा, केतु भी लगा
सातों घोड़ों पर सवार,
फिर भी सूरज रहा
और चांद हमेशा अपनी,
सोलह कलाओं से भरपूर रहा